बार-बार सर्दी-जुकाम? इन आयुर्वेदिक नुस्खों से पाएं राहत
सर्दी-जुकाम सुनने में एक आम समस्या लगती है लेकिन जिसे इस समस्या का सामना करना पड़ता है वही जानता है कि छोटी से समस्या कितना परेशान कर सकती है। वैसे तो यह कोई जानलेवा नहीं है लेकिन बार-बार सर्दी-जुकाम की समस्या आपकी दिनचर्या को प्रभावित कर सकती है।
सर्दी जुकाम की समस्या में कभी नाक बहती है तो कभी गले में खराश होती है। यही नहीं सर्दी जुकाम की वजह से कई बार तो बुखार, खांसी का भी सामना करना पड़ सकता है। बार बार सर्दी जुकाम का होना कमजोर इम्युनिटी की तरफ भी संकेत करता है।
आयुर्वेद में इस समस्या का स्थायी समाधान उपलब्ध है। आज इस ब्लॉग के माध्यम से हम जानेंगे कि आयुर्वेद में सर्दी जुकाम का प्राकृतिक इलाज क्या है। इसके साथ साथ हम यह भी जानेंगे की आयुर्वेद में इम्युनिटी बढ़ाने के उपाय क्या है।
बार-बार सर्दी-जुकाम के कारण
बीमारी चाहे छोटी हो या बड़ी अगर उसके कारणों को समझ लिया जाए तो फिर उस बीमारी को आसानी से हराया जा सकता है। ठीक इसी तरह बार-बार सर्दी-जुकाम होने के पीछे भी कई कारण हो सकते हैं।
- कमजोर प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी)
- मौसम में बदलाव
- गलत खानपान और जीवनशैली
- अधिक ठंडी चीजों का सेवन
- प्रदूषण और धूल-मिट्टी के संपर्क में आना
इन कारणों की वजह से शरीर में वात और कफ दोष बढ़ने लगते हैं, जो बार-बार सर्दी-जुकाम को जन्म देते हैं।
सर्दी-ज़ुकाम के लक्षण
ऊपर हमने सर्दी जुकाम होने के कारणों के बारे में जाना। कारणों के साथ साथ हमें सर्दी और जुकाम के लक्षणों के बारे में भी पता होना जरुरी है। लक्षणों को जानकर ही इसक सही उपचार करना फायदेमंद होता है। अगर आप किसी वायरस के संपर्क में आएं हैं तो दो या तीन दिन के भीतर इसका लक्षण आना शुरू हो जाते हैं। सर्दी-जुकाम के कुछ सामने लक्षण हैं
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- छींके आना
- बहती नाक
- हर समय नाक का भरा हुआ महसूस होना
- गले में जलन और खांसी
- सिरदर्द एवं थकान
- गला ख़राब होना और बुखार आना
- ठण्ड लगना
अगर आपको इनमे में कोई भी लक्षण नज़र आये तो इसे नज़रअंदाज़ न करें।
आयुर्वेद क्या कहता है?
आयुर्वेद के अनुसार, हर बीमारी के पीछे हमारे शरीर में मौजूद दोषों में गड़बड़ी होती है। सर्दी-जुकाम वात और कफ दोषों की गड़बड़ी से होता है। जब वात और कफ दोष असंतुलित होते हैं, तो शरीर में ठंडक और बलगम की मात्रा बढ़ जाती है। अगर इन दोषो को संतुलित कर लिया जाये तो फिर सर्दी जुकाम से बचा सकता है।
सर्दी-जुकाम में आराम के लिए आयुर्वेदिक नुस्खे
तुलसी और अदरक का काढ़ा
तुलसी और अदरक दोनों में एंटी-वायरल और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। एक गिलास पानी में तुलसी के 5 पत्ते, 1 छोटा टुकड़ा अदरक, थोड़ा काली मिर्च डालें और उबालें। इस काढ़े को दिन में दो बार पिएं।
शहद और दालचीनी
शहद और दालचीनी का मिश्रण गले की खराश और खांसी में राहत देता है। एक चम्मच शहद में चुटकीभर दालचीनी मिलाकर दिन में दो बार लें।
हल्दी वाला दूध
हल्दी में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं। रात को सोने से पहले गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी डालकर पिएं। इस से आपको सर्दी एवं जुकाम में आराम महसूस होगा।
भाप लेना
नाक की रुकावट को दूर करने के लिए गर्म पानी में अजवाइन डालकर भाप लें। इससे बलगम बाहर निकलता है और सिर हल्का महसूस होता है।
त्रिकटु चूर्ण
त्रिकटु चूर्ण (सौंठ, काली मिर्च, पिपली) का सेवन गर्म पानी के साथ करें। यह बलगम को कम करता है और पाचन में भी मदद करता है।
इम्यूनिटी बढ़ाने के उपाय
हमारे शरीर की इम्युनिटी ही एक ऐसा हथियार है जो हमें बीमारी से बचाने में मदद करता है। बार-बार सर्दी-जुकाम से बचने के लिए सबसे जरूरी है इम्यूनिटी को मजबूत करना। नीचे हमने कुछ आयुर्वेदिक उपाय बताएं हैं जिनकी मदद से इम्युनिटी को बढ़ने में मदद मिलती है।
1. च्यवनप्राश
च्यवनप्राश एक आयुर्वेदिक टॉनिक है। इसमें आंवला, गिलोय, तुलसी जैसे तत्व होते हैं जो शरीर को बल और रोग प्रतिरोधक क्षमता देते हैं।
2. गिलोय रस
गिलोय को अमृता कहा जाता है। रोज सुबह खाली पेट गिलोय का रस लेने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
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3. आंवला
आंवला में विटामिन C भरपूर मात्रा में होता है। यह एक बेहतरीन एंटीऑक्सीडेंट है और प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत बनाता है।
बार-बार सर्दी-जुकाम का प्राकृतिक इलाज और जीवनशैली में बदलाव
इम्युनिटी को बढ़ाने के उपाय और ऊपर बताए आयुर्वेदिक उपायों के साथ साथ कुछ ऐसी चीज़ें भी हैं जिनको अपनाकर आप बार बार होने वाली सर्दी और जुकाम से बच सकते हैं।
नियमित दिनचर्या
आयुर्वेद में दिनचर्या (Dinacharya) को बहुत महत्व दिया गया है। सुबह जल्दी उठें, योग करें, और हेल्दी ब्रेकफास्ट लें। यह इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है।
हाइड्रेशन
पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। हर्बल टी, काढ़ा और सूप भी लाभदायक होते हैं। इससे शरीर से विषैले तत्व बाहर निकलते हैं।
नींद पूरी लें
नींद की कमी से इम्यूनिटी कमजोर होती है। रोजाना 7–8 घंटे की गहरी नींद जरूरी है।
स्ट्रेस न लें
मैडिटेशन, प्राणायाम और योग स्ट्रेस को कम करने में मदद करते हैं। स्ट्रेस भी कई बार सर्दी-जुकाम का कारण बन सकता है।
सर्दी जुकाम से परेशान न हों, बस सही विकल्प चुनें
बार-बार सर्दी-जुकाम होने एक आम समस्या है लेकिन यह परेशान करती है। आयुर्वेद की मदद से इस परेशानी से छुटकारा पाना आसान है। आयुर्वेद में सुरक्षित और प्रभावी तरीके मौजूद हैं जिनकी मदद से जुकाम और सर्दी से निजात पाई जा सकती है। प्राकृतिक औषधियां, आयुर्वेदिक नुस्खे, और जीवनशैली में छोटे बदलाव आपके शरीर को अंदर से मजबूत बनाते हैं जिस से इम्युनिटी बढ़ने में मदद मिलती है और शरीर बिमारियों से लड़ने में भी सक्षम होता है।
अगर आप भी बार-बार सर्दी-जुकाम से परेशान हैं, तो ऊपर बताए गए सर्दी जुकाम में आराम के लिए आयुर्वेद के नुस्खों को अपनाएं और अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के उपाय जरूर करें। याद रखें, शरीर को ठीक करने की ताकत प्रकृति में छुपी होती है — बस उसे अपनाने की जरूरत है।
